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दूसरी ओर, कछुआ, खरगोश की तुलना में काफी धीमा था। हालांकि, वह बिना रुके दौड़ लगाता रहा। धीरे–धीरे ही सही पर कछुआ फिनिशिंग लाइन तक पहुँचने में कामयाब रहा, और खरगोश हाथ मलता रह गया।
हम पांच आपके पास आ रहे थे, कि मार्ग में दूसरा सिंह अपनी गुफा से निकलकर आया और बोला- अरे किधर जा रहे हो तुम सब, अपने देवता को याद कर लो, मै तुम्हे खाने आया हु.
अभी या बाद में, आपको खुद से ही सबकुछ करना होगा। जब तक माता–पिता अत्यधिक सख्त होना बंद नहीं करते, तब तक कुछ भी अपने आप काम नहीं करेगा।
कहानी वो विधा हैं, जो कई बार ऐसा ज्ञान भेट कर जाती हैं. जो लोगों को सालों के अनुभव के बाद भी प्राप्त नही होता हैं.
यह सुनकर उस धनी युवक की आँखों से प्रेम की धारा बह पड़ी, और बेटी को गले लगा दिया. तभी वह मन ही मन सोचने लगा,
कुछ समय बाद भेड़ चराने वाला गडरिया वहा से गुजरा, फडफडाती कुरज ने करुण स्वर में उस गडरिये से विनती की-
आ ही गये है तो परीक्षा देनी ही पड़ेगी. दानवों ने किवाड़ बंद किया लड्डुओं के थाल पर टूट पड़े.
ऐसा करने से जो हो चुका हैं वह अपने आप ठीक नही होने वाला हैं.
तब से वन्य प्राणी निर्भय होकर रहने लगे, इसी क्रम में कुछ दिनों बाद एक खरगोश की बारी आई, खरगोश सिंह की गुफा की ओर चल पड़ा.
क्या किसी ने देखा? सभी ने इनकार में सिर हिलाया.
होली में बच्चों के बाल, त्वचा और नाखुन की देखभाल के हैक्स
सोचा हमने ढेरों पैसा कमाया हैं, वैसे भी यह अपने वतन का आदमी हैं,
कुछ देर में थाल साफ़ हो गया. सारे लड्डू समाप्त हो गये. न हो हल्ला न शोरगुल. इस तरह देवताओं ने शांतिपूर्ण भोजन किया.
जब वे सब वहां एकत्रित हुए तो उस समय यह मंत्रीराजा पलंग पर महल के विशाल एवं सज्जित कक्ष में लेटे हुए थे.